Saturday, November 5, 2016

आप और आपके परिवार का आर्थिक स्वास्थ्य

आर्थिक स्वास्थ्य क्या है?




क्या आप भी और अधिक पैसा कमाने के विचार से अपने स्वयं व परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं? आज समय ही ऐसा आ गया है या लोग ऐसे हो गए हैं कि सभी लोग पैसे के पीछे कुछ इस तरह से भाग रहे हैं कि लोगों को यह बात नहीं है कि उनके पड़ोस में कौन रह रहा है या उनके पास की दुकान में क्या सामान मिलता है।



अजीब बात है कि आखिर इंसान खाएगा तो दाल-रोटी!


क्यों इंसान अपना धैर्य, सुख-चैन छोड़कर किसी अन्य चीज की ओर लालायित हो रहा है.....जिसका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आप, मैं या हम सभी के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ रहा है।
वर्तमान समय में साधारण हों या आधुनिक, कई तरह के हेल्थ सेंटर अपनी-अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कहां-कहां हैं हर्बल सेंटर, स्पा सेंटर, मसाज सेंटर और चिकित्सा केंद्र, जहां शरीर की देखभाल के उपयुक्त समाधान मिल सकें। आज की दुनियां में किस डॉक्टर/चिकित्सक पर भरोसा करें, कौन डॉक्टर एक्सपर्ट है, उसे कितना अनुभव है, यह सब जानकारी जुटा पाना बहुत कठिन है। इसलिए, आम जनता को सलाह दी जाती है, कि हेल्थ संबंधी सामान्य जानकारी, प्राकृतिक हर्बल दवाएं, रहन-सहन, उपयुक्त व्यायाम आदि की जानकारी लें, जिससे स्वयं अपने शरीर की देखभाल कर सकें और खान-पान व व्यायाम से अपने शरीर को कई तरह की बीमारियों से लड़ने के योग्य बना सकें।

बाजार में कई तरह की दवाएं समान रोग का निदान करने के लिए दी जा रही हैं, इन दवाओं की दुष्प्रभावों पर ध्यान दिए बिना लोग तुरंत राहत मिलने के लिए कोई भी दवा खरीद रहे हैं, जो आज के व्यवसायी डॉक्टर्स के द्वारा बताए जाते हैं। तरह-तरह के लैब हर-रोज नई-नई दवाएं, चाहे अंग्रेजी हों या आयुर्वेदिक, नए-नए रूप में बेचे जा रहे हैं। आज रोगों से अधिक रोजमर्रा की जिन्दिगी में कई तरह के तनाव से लोग ग्रस्त हैं – क्यों परेशान हैं, कोई शारीरिक बीमारी से, कोई अपने परिवार, अपनी लाइफस्टाइल के संबंध में तनाव व अधिक पैसे कमाने के बारे में!

इसलिए, हम सभी को प्राकृतिक हर्बल दवाएं बनाए जाने वाले स्रोत जैसे, सब्जियां, हर्बल प्लांट्स, अलग-अलग प्रकार की जड़ें, पत्तियां व बीज, उनके गुणों की जानकारी होना आवश्यक है, जिससे उनका अपने दैनिक जीवन में खाद्य पदार्थों के साथ उचित मात्रा में सेवन किया जा सके।
उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत है – पतंजलि प्रोडक्ट्स, ये सभी उत्पाद प्राकृतिक बनस्पति को द्रव, ठोस और अन्य रूप में मिश्रित कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद बाजार में लाए जा रहे हैं। सोचिए, यदि हमें प्राकृतिक पदार्थों की जानकारी है, तो हम अपने दैनिक खानपान में उन्हें शामिल कर सकते हैं।



पांच साल की बच्ची कैसे सफल हुई अपनी दादी को घुटनों के दर्द से निजात दिलाने में और साथ ही उसकी मां ने कैसे सीख लिया घर बैठे हर्बल दवा तैयार करने का नुस्खा ......

चुटकी एक मजदूर की बेटी है, जो तेज धूप में पेड़ की छांव के नीचे अपनी विज्ञान विषय की किताब पढ़ रही है, जिसमें हर्बल दबाएं बनाने के नुस्खे दिए हैं। चुटकी के पास में उसकी बूढ़ी दादी भी बैठी हुई है, जिसके बेटा और बहू पास के खेत में काम कर रहे हैं। समय बलवान है, फार्मर को उसके वंश की संपत्ति के रूप में अच्छी खासी जमीन मिली है, जो अब शहर में रहता है, उसने चुटकी के मां-बाप को खेती करने के लिए जमीन दी है, जिसमें पैदा हुआ अनाज फार्मर के घर पहुंचा दिया जाता है।

जैसे-जैसे चुटकी अपनी पुस्तक के पन्ने पढ़ते आगे बढ़ती, उसकी दादी को समझ में आया कि शायद ये बात सही हो, कि प्राकृतिक चीजों को उचित व समय पर शरीर में उपयोग करने, इनका जूस पीने आदि से शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है। इस तरह से चुटकी की दादी ने करेले का जूस, आंवले का जूस, हरी पत्तियों का सेवन, मूली खाने के लाभ, प्याज का सूप, कच्चा प्याज खाने के फायदे आदि कई तरह की जानकारी ली और अपने बेटे-बहू को भी ये चीजें उपयोग करने को कहा। देखते-देखते इस परिवार को प्राकृतिक चीजों की फायदे ज्ञात होने लगे, और चुटकी को धन्यवाद करने लगे कि उसकी किताब से जानकारी लेकर उन्हें अपने शरीर को स्वस्थ रखने की जानकारी मिली।

इसके अतिरिक्त शरीर को अधिक शक्तिवान बनाने, गर्मी में ठंडा रखने और शर्दियों में गर्म रखने के लिए खाई जाने वाले पदार्थों की जानकारी मिली, जिससे पूरा परिवार स्वस्थ व खुशी जीवन जी रहा है, जबकि फार्मर का परिवार जो अपने को आधुनिक लाइफस्टाइल की ओर ले जा रहे हैं, शहर में सभी सुविधाएं होने पर भी कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हैं।

इसलिए हम कह सकते हैं, गरीब आदमी लंबा जीवन जीएगा या धनी व्यक्ति, जिसके पास असीमित संपत्ति है पर शरीर स्वस्थ नहीं, इससे निर्धारित होता है कि किस परिवार, कौन से लोग वास्तविक खुशी का आनंद ले रहे हैं।



इस तरह का नाम, पैसा व शोहरत सब बेकार...... आइए, आपको एक सामान्य जानकारी से अवगत कराते हैं......

बॉलीवुड बोले तो भारत में फ़िल्म निर्माण उद्योग यानि की भारत के मुंबई शहर में स्थित फिल्म इंडस्ट्री

आज भारत में फिल्म पदमावती का कितना विरोध हो रहा है और आगे जाकर यह विरोध कितना विकराल रूप से सकता है, कुछ नहीं कहा जा सकता है। फ़िल्म प्रोड्यूसर हो या फिल्म की हीरोइन – दोनों को खुली चुनौती है वे कहीं भी मिलें.....तो उनका क्या हाल होगा, कुछ भी सटीक में नहीं कहा जा सकता है।

आमतौर कहें या विशेष रूप से कहें, किसी भी काम की शुरूआत पहल करने से होती है और धीरे-धीरे पब्लिक की इच्छा के अनुसार उसका आगाज आगे को होता है। इसी संदर्भ में चर्चा जारी रहेगी.....बात करें बॉलीवुड से जुड़े लोगों, परिवार व अन्य सदस्यों की, जो पब्लिक के द्वारा ही पब्लिसिटी पाते हैं और उनके उत्पादों का असर भी पब्लिक पर ही पड़ता है, सिर्फ नकारात्मक रूप में!

सभी लोगों ने गौर किया होगा कि यदि कोई किसी फ़िल्म में काम करना चाहता/चाहती है, और उसके परिवार के लोग फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हैं, तो उन्हें किसी न किसी तरह से मिल जाता है अवसर नाम, पैसा, शोहरत कमाने का। परंतु उन लोगों का क्या जो आम पब्लिक के बीच में से बिना किसी परिचित व्यक्ति के इस बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करना चाहता है, तो क्या उसे आसानी से काम मिल जाता है।

शायद नहीं, इसलिए आज जरूरत है लोगों को जागरूक होने की और इस पर सरकारी नियंत्रण की.... जो हीरो-हीरोइन पर्दे पर अपने जल्वे बिखेर कर पैसा और नाम कमा लेती हैं, उनकी नकल कर रही आम जनता होती है शिकार, उनके जैसे कपड़े पहनने, लाइफ स्टाइल अपनाने से।

जरूरी नहीं है कि सभी इसके शिकार होते हैं, लेकिन बात आती है ऐसा हुआ क्यों, क्यों इस तरह के कृत्य पर्दे पर दिखाए गए थे। पहल कहां से हुई थी, काश ऐसा न किया होता है, शायद आम जनता को इसकी जानकारी न होती और नहीं कोई दुष्परिणाम होते।

एक आम सदस्य को शिकार बनना पड़ता है और सामना करना होता है कई विषम स्थितियों से, तो उसके उन्हें काम मिल पाता है। पैसा कमा भी लिया तो क्या हुआ, फिल्मी पर्दे पर दिख गए तो क्या..... कोई पूछे आज के हीरो-हीरोइनों से...क्या वो आज के अपने नाम व शोहरत को देखते हुए ये बता सकते हैं कि हां मैंने यह काम भी किया यहां आने के लिए..... यदि कोई अपनी वास्त्विक कहानी बताए तो वो इस तरह के शब्द होंगे जिन्हें कहीं भी प्रकाशित करना संपूर्ण समाज का अपमान करने जैसा होगा, क्योंकि यह सब जानकारी तो पब्लिक को ही लेनी होती है। जिसने कर दिया, दिखा दिया व कमा लिया वो चौबीसों घंटे हाई लेवल की सुरक्षा में रहते हैं।

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